साल 2023 एक दिन बाद गुरजने वाला है। यह गुजरता साल चिकित्सा क्षेत्र में कई उम्मीदों को पंख लगा गया। कुछ वादे पूरे हुए और कुछ अधूरे रह गए। सेवाओं में आमूल-चूल बदलाव के साथ कई योजनाएं बनीं। वर्ष 2024 इन योजनाओं को पूरा करने की उम्मीदें लेकर आ रहा है। नए वर्ष में अधूरी योजनाएं पूरी हो सकेंगी तो शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक स्वास्थ्य सेवाएं मजबूती होंगी।
एसटीएच में कैथ लैब का निर्माण होगा शुरू
नया वर्ष कुमाऊं के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के अधीन डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में प्रस्तावित कैथ लैब का निर्माण शुरू होगा। इसका निर्माण एसटीएच प्रबंधन कराएगा। भारत इलेक्ट्रिानिक्स लिमिटेड (बीईएल) सीएसआर फंड के माध्यम से कैथ लैब में बेड समेत सभी आधुनिक उपकरण देगा। एसटीएच में कैथ लैब शुरू होने के बाद दिल के मरीजों के लिए को काफी राहत मिलेगी। उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल या बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट योजना को लगेंगे पंख
स्वामी राम कैंसर संस्थान की जगह स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनाया जाना है। इसमें वर्तमान में वन भूमि का अड़ंगा लगा है। केंद्र में भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया गतिमान है। प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण शुरू हो जाएगा। कैंसर इंस्टीट्यूट के बनने से जहां मरीजों को ब्लड बैंक से लेकर विभिन्न प्रकार की जांच की सुविधाएं मिलेंगी वहीं आईसीयू, न्यूक्लियर मेडिसिन, मेडिसिन ऑन्कोलॉजी, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री की लैब भी होगी।
महिला अस्पताल को मिलेगा नया अस्पताल
राजकीय महिला अस्पताल में 50 बेड के नए अस्पताल का निर्माण शुरू हो गया है। सब कुछ ठीक रहा तो 2024 में अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा। इस अस्पताल के बनने के बाद यहां बेडों की संख्या 100 से बढ़कर 150 हो जाएगी। इसका गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलेगा। महिला अस्पताल में हर रोज करीब 300 से 350 ओपीडी होती हैं। यहां महिलाओं की सभी प्रकार की जांचें मुफ्त होती हैं। दूरदराज से आने वालों को आपातकालीन स्थित में इलाज व जांच में प्राथमिकता दी जाती है।
हल्दूचौड़ सीएचसी भी हो जाएगा चालू
नए वर्ष से हल्दूचौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भी चालू हो जाएगा। चिकित्सक, टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, नर्स, वार्ड बॉय समेत सफाई कर्मियों के पद सृजित हो गए हैं। नियुक्ति के बाद अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं मिलने लगेंगी। बता दें कि अस्पताल की बिल्डिंग लंबे समय से बनकर तैयार है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने सरकार को तीन माह में स्वीकृत पदों पर नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई मार्च माह में होनी है।
आयुर्वेदिक अस्पताल में डॉक्टरों के पद सृजित नहीं
कुमाऊं का पहला 50 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टरों के पद सृजित हुए बिना चल रहा है। हर रोज 250 से 300 मरीजों की ओपीडी हो रही है। अलग-अलग स्थानों पर तैनात चार डॉक्टर अस्थायी व्यवस्था के तौर पर यहां ओपीडी कर रहे हैं लेकिन शासन ने अभी तक डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के लिए पद सृजित नहीं किए हैं। यह हाल तब है जब प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अस्पताल का लोकार्पण किया है।
200 बेड के मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल की मिलेगी सौगात
नए वर्ष में कुमाऊं के लोगों को दिल्ली, लखनऊ, चढ़ीगढ़ के मल्टी स्पेशयलिटी अस्पतालों जैसी सुविधाएं यहीं मिलेंगी। मोतीनगर में 200 बेड का मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल निर्माणाधीन है। इसका 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। यह अस्पताल स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और आधुनिक मशीनों से पूरी तरह लैस होगा। हालांकि चर्चा है कि सरकार स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को देखते हुए अस्पताल को पीपीपी मोड में दे सकती है। इस बात की चर्चा बीते दिन हरिद्वार में आयोजित हुए इन्वेस्टर समिट में हो चुकी है।
गेठिया में प्रस्तावित है 100 बेड का मानसिक अस्पताल
मानसिक मरीजों के लिए भवाली स्थित गेठिया में 100 बेड का अस्पताल प्रस्तावित है। देहरादून के सेलाकुई के बाद कुमाऊं में मानसिक अस्पताल खोलने की सरकार की योजना है। यह योजना कब तक परवान चढ़ेगी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। अस्पताल बनाने के लिए गेठिया सेनिटोरियम की जगह पूर्व में चिन्हित की गई थी। इसमें 50 बेड पुरुषों और 50 बेड महिलाओं के होंगे।
सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खुलने की उम्मीद
सब कुछ ठीक रहा तो नए साल में हल्द्वानी में सरकारी नशा मुक्ति केंद्र खुल जाएगा। यह कुमाऊं का पहला केंद्र होगा, जिसमें 40 बेड की सुविधा होगी। पांडेनवाड़ में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की तीन मंजिला बिल्डिंग में नशा मुक्ति केंद्र बनाया जा रहा है। इसका निर्माण समाज कल्याण विभाग कर रहा है। यह केंद्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है जिससे युवाओं में बढ़ती नशे की लत को रोका जा सके। सूत्रों के मुताबिक केंद्र निर्माण की पहली किस्त खर्च हो चुकी है। दूसरी किस्त के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।